Railway News: भारतीय रेलवे ने यात्रियों की समस्याएं समझने और सुविधाओं में सुधार के लिए एक नई पहल की है। अब रेलवे अधिकारी खुद रेल कोच में यात्रियों के साथ सफर करेंगे ताकि यात्रा के दौरान आने वाली परेशानियों को प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सके। यह कदम सुविधाओं की निगरानी और सेवा गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में सराहनीय प्रयास है।
Railway officers will now travel with passengers: भारतीय रेलवे ने यात्रियों की समस्याओं को समझने और सुविधाओं में सुधार के लिए एक नई पहल की है। अब रेलवे अफसर खुद रेल कोच में यात्रियों के साथ सफर करेंगे ताकि यात्रा के दौरान आने वाली परेशानियों को प्रत्यक्ष रूप से देखा और समझा जा सके। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोनों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
यात्रियों के अनुभव होंगे अब सीधे अफसरों तक
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय रेलवे ने यात्री सुविधाओं में उल्लेखनीय वृद्धि की है। वंदे भारत जैसी अत्याधुनिक और तेज़ गति की ट्रेनों के संचालन से यात्रा अधिक सुविधाजनक और समय की बचत वाली हो गई है। इसके बावजूद यात्रियों को टिकट बुकिंग, खानपान, सफाई और तकनीकी सुविधाओं को लेकर समय-समय पर शिकायतें रहती हैं। सोशल मीडिया पर भी यात्री लगातार अपनी समस्याएं साझा करते हैं।
सामान्य श्रेणी के यात्रियों की शिकायतों पर भी रहेगा फोकस
अक्सर देखा गया है कि आरक्षित कोच के यात्री अपनी समस्याएं ट्रेन स्टाफ से साझा कर लेते हैं, लेकिन सामान्य श्रेणी के यात्रियों की समस्याएं अनसुनी रह जाती हैं। शौचालय की सफाई, चार्जिंग पॉइंट का खराब होना, पानी की उपलब्धता जैसी बुनियादी समस्याएं यात्रा को असुविधाजनक बना देती हैं, विशेषकर तब जब छोटे बच्चे भी साथ यात्रा कर रहे हों।
टिकट बुकिंग और तकनीकी समस्याओं पर भी होगी चर्चा
रेलवे को टिकट आरक्षण प्रणाली में आने वाली परेशानियों को लेकर भी फीडबैक लेना चाहिए। यात्रियों की शिकायत है कि तत्काल और सामान्य टिकट बुक करते समय वेबसाइट, मोबाइल ऐप और टिकट काउंटर पर दिक्कतें आती हैं। हालांकि रेलवे अपने सिस्टम को पारदर्शी मानता है, लेकिन पीक सीजन में हजारों लोग एक साथ टिकट के लिए प्रयास करते हैं, जिससे सर्वर पर दबाव बढ़ता है। ऐसे में रेलवे अफसरों को यात्रियों से पूछताछ कर वास्तविक अनुभव समझने का अवसर मिलेगा।
अभियान नहीं, नियमित पहल बननी चाहिए
यह पहल स्वागतयोग्य जरूर है, लेकिन इसे सिर्फ कुछ दिनों तक चलने वाला अभियान बनाकर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। रेलवे को चाहिए कि इसे एक नियमित प्रक्रिया बनाए ताकि अफसर समय-समय पर यात्रियों के साथ यात्रा कर उनकी समस्याओं से सीधे जुड़ सकें। इससे न केवल यात्रियों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि रेलवे की सेवा और सुविधाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
भारतीय रेलवे की यह नई पहल यात्री अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह पहल सिर्फ औपचारिकता न रहकर, यात्रियों की वास्तविक समस्याओं के समाधान का माध्यम बनेगी।
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