Safe City Plan: योगी सरकार की सेफ सिटी योजना न केवल एक प्रशासनिक पहल है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश में सामाजिक बदलाव और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह योजना प्रदेश को एक सुरक्षित, संवेदनशील और जागरूक समाज की ओर ले जा रही है।
Safe City Plan becomes guarantee of security: उत्तर प्रदेश में महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगों की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार की सेफ सिटी योजना एक क्रांतिकारी पहल के रूप में सामने आई है। यह योजना न केवल सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है, बल्कि लोगों में विश्वास और आत्मनिर्भरता भी जगा रही है। महिलाओं के लिए पिंक बूथ, स्मार्ट कंट्रोल रूम, सीसीटीवी निगरानी और जागरूकता अभियानों जैसी सुविधाएं इस योजना को प्रभावी बना रही हैं।
17 नगर निगमों में लागू है सेफ सिटी परियोजना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश के 17 नगर निगमों और गौतमबुद्धनगर में सेफ सिटी परियोजना को लागू किया गया है। पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा के अनुसार, इस परियोजना का उद्देश्य महिलाओं और अन्य संवेदनशील वर्गों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है। पिंक बूथ, पिंक स्कूटी, सीसीटीवी कैमरे, डिजिटल प्रचार और महिला जागरूकता कार्यक्रम इसके मुख्य स्तंभ हैं।
100 पिंक स्कूटी और 10 पिंक SUV कर रहीं निगरानी
परियोजना के तहत 100 पिंक पुलिस बूथ बनाए गए हैं, जहां प्रशिक्षित महिला पुलिसकर्मी तैनात रहती हैं। इसके साथ ही, 100 GPS युक्त पिंक स्कूटी और 10 पिंक SUV निगरानी के लिए सड़कों पर हैं। 1090 और यूपी-112 को इंटरऑपरेटिव किया गया है ताकि शिकायतों पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।
47 हजार से अधिक CCTV कैमरे लगाए गए
प्रदेशभर में अब तक 47,422 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा, 4,150 डार्क स्पॉट को चिह्नित कर वहां रोशनी की समुचित व्यवस्था की गई है। 4,150 संवेदनशील स्थानों पर विशेष पुलिस प्रबंधन सुनिश्चित किया गया है। डिजिटल वॉल पेंटिंग, एलईडी वैन, नाटकों और वेब प्लेटफॉर्म के माध्यम से महिला जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए सवेरा योजना
वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सवेरा योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले बुजुर्गों से संवाद स्थापित किया जाता है। उनके लिए डे-केयर सेंटर भी बनाए गए हैं।
दिव्यांगों के लिए भी विशेष प्रावधान
परियोजना के तहत दिव्यांगजनों की सुविधा हेतु ब्रेल लिपि में जनसूचना, क्रॉसिंग पर साइनेज और विशेष रैंप बनाए गए हैं। इस प्रयास ने उन्हें भी सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर ज्यादा आत्मविश्वास से चलने की आजादी दी है।
महिला जागरूकता के लिए संवाद वेणी और आशा ज्योति केंद्र
महिलाओं के लिए संवाद वेणी जैसे मोटिवेशनल टॉक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। आशा ज्योति केंद्र के माध्यम से रेस्क्यू वैन और प्रशासनिक वाहनों की व्यवस्था की गई है ताकि जरूरतमंद महिलाओं को त्वरित सहायता मिल सके।
54 हजार से अधिक लोगों को प्रशिक्षण
अब तक 54,000 से अधिक लोगों को महिला सुरक्षा संबंधित प्रशिक्षण दिया गया है, जिनमें पुलिसकर्मी, सरकारी व गैर-सरकारी कर्मचारी, छात्र-छात्राएं और अध्यापक शामिल हैं।
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